टूटे हुए घड़े की कहानी

टूटे हुए घड़े की कहानी, हिंदी कहानी

डिम्पल ओसवाल

खामियों में सुंदरता का उदाहरण: टूटे हुए घड़े की कहानी

एक दूरदराज़ के गांव में, जो पहाड़ियों और हरी-भरी हरियाली से घिरा हुआ था, वहां अम्मा नाम की एक बुजुर्ग महिला रहती थी. हर सुबह, जब गांव में पहली किरणें पड़ती थीं, अम्मा पास की नदी की ओर पानी लाने जाती थी. वह एक मजबूत डंडे के दोनों सिरों पर दो बड़े मिट्टी के घड़े लटकाए हुए ले जाती थीं. एक घड़ा पूरी तरह से ठीक था, जबकि दूसरे में एक दरार थी.

दो साल तक अम्मा ने यह रूटीन बिना किसी विफलता के निभाई. सही घड़ा हमेशा पूरा पानी लाता था, अपनी निर्दोषता और अपनी सेवा की कुशलता पर गर्व करता था. इसके विपरीत, टूटे हुए घड़े के अंदर केवल आधा पानी ही आता था. इस कारण टुटा हुआ घडा खुद को शर्मिंदा और दुखी महसूस करता था. और वह खुद को नाकाम और अधूरा महसूस करता था. वह अक्सर खुद की तुलना सही घड़े से करता और सोचता कि उसने अम्मा को निराश किया है.

एक दिन, जब अम्मा नदी पर घड़ों को भर रही थीं, टूटे हुए घड़े ने आखिरकार अपनी पीड़ा व्यक्त की.

“अम्मा, मुझे अपने आप पर शर्म आती है. इस दरार की वजह से मैं केवल आधा ही पानी ला पाता हूं. मुझे खेद है कि मैंने आपको निराश किया,” उसने कांपती आवाज़ में कहा. उसे लगा कि अम्मा उसे डांटेंगी या निराश होंगी.

अम्मा रुकीं और टूटे हुए घड़े को एक दयालु, समझदार मुस्कान के साथ देखा. “मेरे प्रिय घड़े, क्या तुमने ध्यान दिया है कि रास्ते के किनारे तुम्हारी ओर फूल उगते हैं, लेकिन दूसरी ओर नहीं?” उन्होंने प्यार से पूछा.

टूटा हुआ घड़ा उलझन में था. “फूल? मैंने कभी ध्यान नहीं दिया,” उसने स्वीकार किया. वह यह समझ नहीं पा रहा था कि अम्मा का क्या मतलब था.

टूटे हुए घड़े की कहानी

अम्मा ने सोचते हुए सिर हिलाया. “मैं तुम्हारी खामी को शुरू से ही जानती थी. इस दरार के बारे में जानकर, मैंने तुम्हारी ओर रास्ते में फूलों के बीज बो दिए. हर दिन, जब हम नदी से लौटते हैं, तो तुम्हारी दरार से रिसता पानी इन बीजों को सींचता है. और तुम्हारी वजह से ये खूबसूरत फूल खिलते हैं, और मैं उन्हें तोड़कर हमारे घर को सजाती हूं, जिससे घर रंग और खुशबू से भर जाता है.”

टूटे हुए घड़े ने आश्चर्य से सुना. उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी खामी से कुछ इतना अद्भुत उत्पन्न हो सकता है. पहले, उसने हमेशा खुद को टूटा हुआ और बेकार समझा था. लेकिन यह नहीं जानता था कि उसके कारण फूल खिलते हैं.

अम्मा ने अपनी बात जारी रखी. उनकी आवाज में गर्मजोशी थी, “हम में से हर एक में अनोखी खामियां और अपूर्णताएं हैं. हालांकि, ये खामियां सुंदरता और खुशी की ओर ले जा सकती हैं. जीवन पूर्णता के बारे में नहीं है; यह हमारी खामियों को गले लगाने और उनमें अच्छाई खोजने के बारे में है. हो सकता है तुम पूरा पानी न ला सको, लेकिन तुमने रास्ते में सुंदरता और जीवन लाया है. इसलिए, मेरे प्रिय, तुम वास्तव में खास हो.”

इससे टूटे हुए घड़े ने राहत और गर्व की लहर महसूस की. उसने अब खुद को न तो निचा महसूस किया और न ही टूटा हुआ, बल्कि अपने अनोखे योगदान के लिए अपने आप को सराहा और मूल्यवान महसूस किया. उसे एहसास हुआ कि उसकी खामियों का भी एक उद्देश्य है, जो अम्मा के घर और उनके आसपास की दुनिया में सुंदरता और खुशी ला रहा है.

टूटे हुए घड़े की कहानी

उस दिन से टूटा हुआ घड़ा अब शर्म महसूस नहीं करता था. इसके बजाय, उसने अपना बोझ गर्व के साथ उठाया, यह जानते हुए कि उसकी खोई हर बूंद कुछ सुंदरता लाती है.

खामियों में सुंदरता का उदाहरण: कहानी की शिक्षा
हमारी खामियों में हमारी सच्ची ताकत और सुंदरता निहित होती है. अपनी खामियों को गले लगाओ और उन्हें दुनिया में खुशी और सुंदरता लाने के लिए उपयोग करने के तरीके खोजो. हर दरार और खामी में कुछ असाधारण को विकसित करने की क्षमता होती है. यह पूर्णता के बारे में नहीं है; यह उस अनोखी सुंदरता को खोजने और मनाने के बारे में है जो हम में से प्रत्येक दुनिया में लाता है.

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