डिम्पल ओसवाल
तलाकशुदा महिलाओं को समझना और उनका समर्थन करना होगा: सामाजिक धारणा में बदलाव की आवश्यकता
तलाकशुदा महिलाएं
तलाक एक जटिल मुद्दा है, जो अक्सर विवाह के भीतर गहरी समस्याओं से उत्पन्न होता है.
कोई भी महिला तलाक नहीं चाहती, जब तक उसे बड़ी कठिनाई का सामना न करना पड़े. तलाक का निर्णय आमतौर पर आखिरी उपाय होता है, जो अक्सर अपमानजनक या असहनीय स्थितियों से बचने के लिए किया जाता है.
तलाकशुदा महिलाओं को समझना और उनकी मदद करना एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करता है, जो सामाजिक दृष्टिकोण, आर्थिक चुनौतियों और भावनात्मक भलाई को संबोधित करता है. इस लेख में तलाकशुदा महिलाओं की स्थिति का संपूर्ण विश्लेषण और सामाजिक परिवर्तन के लिए सुझाव दिए गए हैं.
समाज तलाकशुदा महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है
तलाकशुदा होना कोई अपराध या पाप नहीं है. यह भी जरुरी नहीं है की उस महिला के तलाक का कारण वह खुद हो. फिर भी तलाकशुदा महिलाओं को समाज में, यहां तक की माता-पिता के घर में भी अक्सर भेदभाव का सामना करना पडता है. यह भेदभाव गहरी सांस्कृतिक और सामाजिक मान्यताओं से उत्पन्न होता है, जो विवाह को आजीवन प्रतिबद्धता के रूप में देखती हैं और तलाक को असफलता या व्यक्तिगत दोष के रूप में मानती हैं. इस कारण तलाकशुदा महिलाओं को विभिन्न तरीकों से पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है:
- सामाजिक कलंक: तलाकशुदा महिलाओं को एक सामजिक कलंक माना जाता है, एक असफल व्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है. विवाह के टूटने के लिए उन्हें अनुचित रूप से दोषी ठहराया जाता. यह दृष्टिकोण असंवेदनशील है और वैवाहिक समस्याओं की जटिलताओं को अनदेखा करता है.
- अलगाव: तलाकशुदा महिलाओं के मित्र और परिवार उनसे खुद को दूर कर देते है, या तो उन महिलाओं को दोषी मान कर, या तथाकथित कलंकी व्यक्ति से जुड़ने के डर से, समाज क्या कहेगा यह सोचकर.
- पेशेवर भेदभाव: केवल घर में या समाज में ही नहीं, तलाकशुदा महिलाओं को ऑफिस और अपने नौकरी की जगह भी पूर्वाग्रह और भेदभाव का सामना करना पड़ सकता. यह बातें उन महिलाओं के करियर की प्रगति को प्रभावित करते हैं. इन महिलाओं को अविश्वसनीय माना जा सकता है.
तलाकशुदा महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं
तलाकशुदा महिलाओं को कई सारी समस्याओं का सामना करना पडता है. यह ऐसी कुछ समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है:
भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव
तलाक एक शोक प्रक्रिया है, और महिलाएं विभिन्न भावनाओं का अनुभव कर सकती हैं जैसे कि दुख, गुस्सा, अकेलापन, अपराधबोध, शर्म और अधूरापन. यह तनाव समाज और परिवार द्वारा बढ़ाया जाता है.
व्यावहारिक चुनौतियां
- तलाकशुदा महिलाएं, विशेष रूप से वे जो अपने पतियों पर वित्तीय रूप से निर्भर थीं, अक्सर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करती हैं और संघर्ष करती हैं, जैसे कि रोजगार पाने में और उसे सुरक्षित करने में, रहने के लिए सस्ती जगह खोजने में, विशेष रूप से यदि उनके पास बच्चे हैं और सीमित वित्तीय संसाधन हैं.
- अपने बच्चों की भलाई सुनिश्चित करने में, चुनौतियों का सामना करना पडता है. .
- कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना महंगा होता है, और इसमें समय की बर्बादी भी होती है. इससे तनाव और बोझ बढ़ जाता है.
- मित्रता भी तनावपूर्ण हो सकती हैं, जिससे अकेलापन और डिप्रेशन की भावना बढ़ जाती है.
समाज तलाकशुदा महिलाओं की कैसे मदद कर सकता है
समाज को तलाकशुदा महिलाओं से अलगाव की जगह के मूल मुद्दों को समझने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि तलाक को असफलता के रूप में देखा जाए. तलाक शायद ही कभी एकतरफा होता है, और मूल मुद्दों और जरूरतों को समझने से तलाक़शुद महिलाओं को एक अच्छा और खुशहाल जीवन जिने में मदद कर सकता है.
तलाकशुदा महिलाओं को सुनना और उनके प्रति सहानुभूति रखना, उनकी मदद करना यह बातें महत्वपूर्ण है. समाज को तलाकशुदा महिलाओं से होनेवाले भेदभाव के खिलाफ बोलना चाहिए और उन्हें समाज में ठीक वैसाही स्थान देना चाहिए, जैसा दूसरों का होता है. इससे तलाकशुदा महिलाएं प्रेरित हो जाएगी, उनका आत्मविश्वास बढ़ जायेगा और वह अपने लिए, अपने बच्चों के लिए और समाज के लिए अच्छा काम कर सकेगी.
निचे दी गयी बातों पर गौर करें:
समाज में जागरूकता आनी चाहिए
समाज को तलाक की वास्तविकताओं और इसके पीछे के वैध कारणों के बारे में शिक्षित करना चाहिए. इससे समाज पूर्वाग्रहों से हट जायेगा, और तलाकशुदा महिलाओं की और उनके दृष्टिकोण में बदलाव आ जायेगा.
भावनात्मक और व्यावहारिक समर्थन
तलाकशुदा महिलाओं को भावनात्मक और व्यावहारिक समर्थन प्रदान किया जाए, जिससे समाज की अलगाव की भावनाओं को कम करने और उनके जीवन का पुनर्निर्माण करने में मदद मिल सकती है.
तलाकशुदा महिलाएं
कानूनी और वित्तीय सहायता
सरकारें और गैर-सरकारी संगठनों को तलाकशुदा महिलाओं के लिए कानूनी सहायता और वित्तीय सहायता की पेशकश करनी चाहिए.
चाइल्ड केअर सेवाएं
सस्ती और सुलभ चाइल्डके केअर सेवाएं भी तलाकशुदा माताओं को काम करने और अपने लक्ष्यों का पीछा करने में सक्षम बना सकती हैं, बिना अपने बच्चों की देखभाल से समझौता किए.
काम के स्थानों पर
एम्प्लॉयर्स को को तलाकशुदा महिलाओं की जरूरतों का ख्याल रखते हुए नीतियों को लागू करना चाहिए, जैसे कि काम का लचीला समय, और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए पोषक वातावरण.
सांस्कृतिक कथाओं को बदलें
मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं को तलाकशुदा महिलाओं को सकारात्मक रूप में चित्रित करना चाहिए, उनकी क्षमताएं, स्किल्स और आत्मविश्वास को दिखाना चाहिए बजाय उनके वैवाहिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के.
तलाकशुदा महिलाएं
तलाक एक व्यक्तिगत निर्णय है, जिसे अक्सर बहुत सोच-विचार के बाद लिया जाता है, और तलाकशुदा महिलाएं मजबूत व्यक्ति हैं जिन्होंने एक कठिन निर्णय लिया है. वे सम्मान, सहानुभूति और अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने का अवसर की हकदार हैं.
समझ और समर्थन प्रदान करके, समाज तलाक से गुजर रही महिलाओं के लिए एक अधिक करुणामय वातावरण बना सकता है. तलाकशुदा महिलाओं को समझने और समर्थन देने के लिए सामाजिक दृष्टिकोण, आर्थिक चुनौतियों और भावनात्मक भलाई को संबोधित करना आवश्यक है.
हमारे सामाजिक धारणाओं को विकसित करके और व्यापक समर्थन प्रदान करके, हम तलाकशुदा महिलाओं को उनके संघर्षों को पार करने और संतोषजनक और स्वतंत्र जीवन प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं.
डिंपल ओसवाल एक महिला मुद्दों की कार्यकर्ता हैं और TheyWon समूह की ऑनलाइन पत्रिकाओं की मुख्य सम्पादिका हैं.
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