महावीर सांगलीकर
शेयर मार्केट: पेनी स्टॉक क्या है? क्या पेनी स्टॉक्स खरीदने चाहिए? इसमें क्या जोखिमें हैं?
यह लेख पेनी स्टॉक्स के बारे में सामान्य जानकारी देता है. पेनी स्टॉक्स में निवेश करने से पहले पूरी रिसर्च करनी चाहिए.
पेनी स्टॉक्स अक्सर सबसे जोखिम भरे निवेश के रूप में वर्णन किए जाते हैं. ये उचित जोखिम और रिवार्ड प्रस्तुत करते हैं. लेकिन, इनकी वोलाटाइल प्रकृति बिना सावधानी के वास्तव में बड़ी हानियों का कारण बन सकती है.
किसी भी निवेशक के लिए, जो पेनी स्टॉक्स में निवेश करने का विचार कर रहा है, पेनी स्टॉक्स क्या हैं, इनकी विशेषताएं क्या हैं, जोखिम और संभावित रिवार्ड्स क्या हैं इन बातोंको समझना ज़रूरी है.
पेनी स्टॉक क्या है? पेनी स्टॉक्स की परिभाषा और विशेषताएं
परिभाषा: पेनी स्टॉक क्या है? हम आम तौर पर पेनी स्टॉक्स को छोटी सार्वजनिक कंपनियों के शेयरों के रूप में परिभाषित करते हैं जो 50 रुपये प्रति शेयर से कम के लिए ट्रेड करते हैं, हालांकि कुछ परिभाषाएं इन्हें 10 से रुपये प्रति शेयर से कम के लिए ट्रेड करने वाले स्टॉक्स के रूप में वर्णन करती हैं. ये स्टॉक्स आम तौर पर कम मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वाले होते हैं.
पेनी स्टॉक्स मुख्य विशेषताएं
प्रति शेयर कम कीमत: सामान्य रूप से 50 रुपयों से कम, जो इन्हें कई निवेशकों के लिए सुलभ बनाता है, क्यों कि निवशक कम पूंजी में ज्यादा शेयर्स खरीद सकता है.
बड़ा मुनाफा: शेयर के कीमत में बड़ी तेजी आ सकती है, और तब उन्हें बेचकर बड़ा मुनाफा पाया जा सकता है. कम कीमत के कारण कीमतों में जब बढोतरी होती है, तो फीसदी में बड़ा मुनाफा होता है. उदाहरण के रूप में, एक स्टॉक जो 10 रुपये पर ट्रेड कर रहा है, अगर उसकी कीमत 15 रुपये प्रति शेयर हो जाती है, तब निवेशक अपनी लगत पर 50 प्रतिशत मुनाफा कमाता है.
कम मार्केट कॅपिटलाइज़ेशन: प्रति शेयर कीमत कम होने के कारण और ऐसी ज्यादातर कंपनियां छोटी होने के कारण इनका मार्केट कॅपिटलाइज़ेशन काम होता है, जिसके कारण शेयर मार्केट के बड़े खिलाडी इसकी प्रति शेयर कीमतों में हेरफेर कर सकते है.
लिक्विडिटी की समस्या: कुछ पेनी स्टॉक्स में इनमें कम ट्रेडिंग का वॉल्यूम काम हो सकता है, जो शेयर खरीदने या बेचने में कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं.
पेनी स्टॉक्स में निवेश करने की रणनीति
अगर आप पेनी स्टॉक्स में निवेश करना कहते हैं, नीचे दी गयी रणनीतियां जोखिम को मॅनेज करने में मदद कर सकती हैं:
खोजबीन: कंपनी के फंडामेंटल्स (बुक वॅल्यू, इपीएस, पीइ, ट्रेड वॉल्यूम्स आदि), प्राइस हिस्टरी, बिजनेस मॉडल, कंपनी से संबंधित समाचार, क्या इन शेयर्स में म्युच्युअल फंड्स ने निवेश किया है? आदि की खोजबीन कीजिये. यह सारी जानकारी आपको इंटरनेट पर आसानी से और तुरंत मिल जायेगी.
डायवर्सिफिकेशन: पेनी स्टॉक्स में निवेश करते समय किसी एक ही स्टॉक में सारी पूंजी मत लगाइये. अलग अलग पेनी स्टॉक्स में थोडी थोडी रकम का निवेश कीजिये. इससे आपकी जोखिम कम हो जायेगी और रिटर्न्स अच्छे मिलेंगे.
मुनाफे की सीमा तय कीजिये: जब अच्छा मुनाफा दिखा रहा हो तो उस पेनी स्टॉक्स को बेच दीजिये, और दूसरे पेनी स्टॉक्स खरीद लीजिये.
केवल टिप्स के भरोसे मत रहिये. कोई टिप मिलाती है तो उस स्क्रिप पर अपना खुद का रिसर्च करना चाहिए.
निष्कर्ष
पेनी स्टॉक्स बडा प्रॉफिट बुक करने का रोमांचक मौका देते हैं, लेकिन ये बड़े जोखिम भरे होते है. निवेशकों को इन्हें एक सावधानी भरी और अच्छी तरह से रिसर्च की गई रणनीति के साथ अप्रोच करना चाहिए, और इस बात क्या ध्यान रखना चाहिए कि इसमें बड़ा घाटा भी हो सकता है, अगर सही स्टॉक्स नहीं चुने तो.
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