7 चक्र क्या होते हैं, और 7 चक्र हीलिंग के क्या फायदे हैं?

संदीप जैन, पुणे

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7 चक्र हमारे शरीर में मौजूद सात मुख्य ऊर्जा-केंद्र होते हैं. ये चक्र रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से शुरू होकर सिर के ऊपर तक एक क्रम में स्थित होते हैं. योग शास्त्र में इन्हें सप्तचक्र कहा जाता है. हर चक्र का संबंध हमारी भावनाओं, मानसिक स्थिति, शरीर के अलग-अलग अंगों और हार्मोन बनाने वाली ग्रंथियों से माना जाता है.

जब ये चक्र संतुलित रहते हैं, तो शरीर की प्राणशक्ति सही तरीके से बहती है, मन शांत रहता है और भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर होता है. वैसे तो शरीर में कई सूक्ष्म चक्र होते हैं, लेकिन नीचे बताए गए सात चक्र सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं. आइए इनके बारे में आसान भाषा में समझते हैं.

1. मूलाधार चक्र (रंग – लाल)

संबंधित ग्रंथि: एड्रिनल ग्रंथियां
बीज मंत्र: “लं”

यह चक्र रीढ़ की हड्डी के बिल्कुल नीचे, यानी शरीर की जड़ में होता है. यह हमारी सुरक्षा, स्थिरता, ज़मीन से जुड़ाव और जीवन की बुनियादी ज़रूरतों का प्रतीक है. अगर यह चक्र असंतुलित हो जाए, तो डर, असुरक्षा, चिंता या आर्थिक अस्थिरता महसूस हो सकती है. जब मूलाधार चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति ज़्यादा स्थिर, आत्मविश्वासी और व्यावहारिक बनता है.

2. स्वाधिष्ठान चक्र (रंग – नारंगी)

संबंधित ग्रंथि: जनन ग्रंथियां (अंडाशय / वृषण)
बीज मंत्र: “वं”

यह चक्र नाभि से थोड़ा नीचे पेट के हिस्से में होता है. यह रचनात्मकता, भावनात्मक खुशी, रिश्तों की मिठास, यौन ऊर्जा और जीवन के आनंद से जुड़ा है. संतुलन होने पर व्यक्ति खुश, रचनात्मक और भावनात्मक रूप से खुला रहता है. असंतुलन होने पर अपराध-बोध, भावनात्मक उतार-चढ़ाव या रिश्तों में समस्याएं आ सकती हैं.

3. मणिपूर चक्र (रंग – पीला)

संबंधित ग्रंथि: अग्न्याशय (पैंक्रियाज़)
बीज मंत्र: “रं”

यह चक्र नाभि के आसपास होता है. इसे आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और व्यक्तिगत शक्ति का केंद्र माना जाता है. पाचन क्रिया और ऊर्जा के सही उपयोग का संबंध भी इसी से है. जब यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति आत्मविश्वास के साथ फैसले लेता है, ज़िम्मेदारियां निभाता है और नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं.

4. अनाहत (हृदय) चक्र (रंग – हरा / गुलाबी)

संबंधित ग्रंथि: थायमस ग्रंथि
बीज मंत्र: “यं”

यह चक्र छाती के बीच में, हृदय के पास होता है. प्रेम, करुणा, क्षमा, सहानुभूति और भावनात्मक संतुलन का यही केंद्र है.
जब यह चक्र संतुलित होता है, तो रिश्तों में समझदारी, अपनापन और भावनात्मक स्थिरता आती है. भावनात्मक घाव भरने और खुद को व दूसरों को स्वीकार करने में इसका बहुत महत्व है.

5. विशुद्ध (कंठ) चक्र (रंग – हल्का नीला)

संबंधित ग्रंथियां: थायरॉयड और पैराथायरॉयड
बीज मंत्र: “हं”

यह चक्र गले के पास होता है. यह बोलने की क्षमता, सच कहने का साहस, अपनी भावनाएं साफ-साफ रखने और रचनात्मक अभिव्यक्ति से जुड़ा है. संतुलन होने पर व्यक्ति बिना डर अपने विचार रख पाता है. असंतुलन होने पर डर, दबाव या संवाद में रुकावट महसूस हो सकती है.

6. आज्ञा (भ्रूमध्य) चक्र (रंग – गहरा नीला / इंडिगो)

संबंधित ग्रंथि: पिट्यूटरी ग्रंथि
बीज मंत्र: “ॐ”

यह चक्र दोनों भौंहों के बीच, माथे के बीच में होता है. यह अंतर्ज्ञान, एकाग्रता, साफ सोच और गहरी समझ का केंद्र है.
जब यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति सही फैसले ले पाता है और जीवन की दिशा स्पष्ट होती है. ध्यान और मनन से यह चक्र ज़्यादा सक्रिय होता है.

7. सहस्रार चक्र (रंग – बैंगनी / सफेद)

संबंधित ग्रंथि: पीनियल ग्रंथि
बीज मंत्र: “ॐ” या मौन ध्यान

यह चक्र सिर के सबसे ऊपर होता है. यह आध्यात्मिक जागरूकता, ब्रह्मांड से जुड़ाव और उच्च चेतना का प्रतीक है.
जब यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति को गहरी शांति, व्यापक सोच और जीवन का गहरा अर्थ महसूस होता है. यह चक्र मुख्य रूप से ध्यान साधना से सक्रिय होता है.

7 चक्र हीलिंग के फायदे

इन सातों चक्रों की रेकी या दूसरी ऊर्जा-हीलिंग विधियों से नियमित हीलिंग करने पर शरीर, मन और भावनाओं पर सकारात्मक असर पड़ता है. चक्र संतुलन से जीवन में स्थिरता, सकारात्मकता और मानसिक शांति बढ़ती है. हर चक्र के बीज मंत्र का नियमित जाप इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाता है.

मुख्य फायदे:

  • शरीर की ऊर्जा सही और प्राकृतिक तरीके से बहती है, जिससे थकान और बीमारियां कम होती हैं.
  • चिंता, तनाव और उदासी कम होती है, और आत्मविश्वास व हिम्मत बढ़ती है.
  • पाचन तंत्र, रक्त प्रवाह, हार्मोन संतुलन और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है.
  • गुस्सा, डर और नकारात्मक भावनाओं पर नियंत्रण आता है.
  • मन की शांति, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
  • मन, शरीर और आत्मा के बीच बेहतर तालमेल बनता है, जिससे जीवन ज़्यादा संतुलित महसूस होता है.

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संदीप जैन एक रेकी ग्रॅण्ड मास्टर, वास्तु कन्सल्टन्ट और मल्टी-मॉडेलिटी एनर्जी हीलर हैं.

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